इक्कीसवीं सदी के हिंदी सिनेमा में स्त्री चरित्र की बदलती छवि
(नील बटे सन्नाटा, सांड की आँख, त्रिभंगा, लापता लेडिज और क्रू के विशेष सन्दर्भ में)
##article.authors##
बलीराम धापसे
अध्यक्ष एवं शोधनिदेशक, हिंदी विभाग एवं अनुसंधान केन्द्र, विनायकराव पाटील महाविद्यालय, तह. वैजापुर, जि. छत्रपति संभाजी नगर, औरन्गाबाद महाराष्ट्र
Keywords:
हिंदी सिनेमा, समाज, स्त्री, चरित्र, फ़िल्म, कलाकार, व्यवसाय