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संगणकीय साक्षरता,जनसंचार माध्यम और हिंदी साहित्यविश्व

हमकालीन परिदृश्य

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  • Satappa Chavan Professor at B.P.H.E Society's Ahmednagar College,Ahmednagar

Keywords:

Computer, Hindi literature, Logic, Research, Blogs, Data storage

Abstract

संगणकीय साक्षरता,जनसंचार माध्यम और हिंदी साहित्य का संबंध एक-दूसरे को पूरक रहा  हैं. हिंदी साहित्य का वैश्विक विकास ही संगणक के कारण गतिशील हो रहा है. विश्व का वर्तमान संगणक से जुडा है,अर्थात आज संगणक युग है.संगणक का उपयोग सभी जगह हो रहा है.संगणक की सहायता से अनेक कार्य शीघ्रतापूर्वक किए जा रहें हैं, इस बात को हमें मानना होगा. संगणक ने देखते ही देखते हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रवेश कर लिया.इस बात को हम नकार नही सकते.वैज्ञानिक चिंतन परिणाम ही संगणक है. स्वचालित इलेक्ट्रोनिक यंत्र के माध्यम से हिंदी साहित्य को विश्वभर में पहुँचाया जा सकता है,इस विचार को आज भी हिंदी साहित्यविश्व के अनेक विद्वान स्वीकार नहीं करते. मेरी अपनी मान्यता यह है कि 14 सितंबर को “हिंदी दिवस समारोह” की जगह “हिंदी संगणक साक्षरता दिवस समारोह” मनाना चाहिए. हिंदी जनसंचार माध्यमों के  वरिष्ठ अधिकारीयों ने भी इस बात को स्वीकार किया है. हिंदी भाषा और साहित्य का संबंध संगणक से जोड़ने से ही हिंदी साहित्य वैश्विक रूप धारण करेगा,इस में दो राय नहीं. हिंदी टूल्स के संदर्भ में विश्व व्यापी वेब पर अनेक प्रकार की जानकारी उपलब्ध है.

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2022-04-12 — Updated on 2022-04-12

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